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Category Archives पत्रक

मेरे सभी पुत्रों और पुत्रियों, मैं अब 93 वर्ष का हो चला हूँ। मैं भारतीय आर्मी का एक सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल हूँ। शायद अभी तक पुराने ज़माने से ताल्लुक रखता हूँ। मैं जीवन के अन्तिम प़ड़ाव में चल रहा हूँ। मैंने विवाह नहीं किया, मेरा अन्य कोई परिवार नहीं है। मेरे जियू (Jew) वंश की आखिरी पहचान मेरे साथ ही…

माइक पर ईश्वर के प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हुए डॉक्टर बेनीप्रसाद भविष्य के युवा लीडर्ज़ को सम्बोधित कर रहे थे। इंडियन हैबिटैट सेंटर में एक शख़्स अपने अजूबे गिटार के साथ प्रविष्ट हुए। उनकी और गिटार की छटा निराली थी। स्वयं भी रोचक आकर्षक व्यक्तित्व के धनी लगे। लम्बे घुंघराले बाल, हाथों में ढेरों फ़्रेंड्शिप बैंड, आँखों में निरीह सौम्यता…

बच्चे हिंदी की किताबें नहीं पढ़ते - जब भी अभिभावक मुझसे मिलते थे, यही शिकायत करते थे। इस बार मैंने कुछ अलग सोचा। मैं अपने घर से बाल भारती पत्रिका के कुछ अंक और कुछ अपने संग्रह से किताबें घर से लेकर आई और कक्षा में बच्चों के सामने रख दीं। बच्चों को बताया कि ये सब मेरी किताबें हैं…

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