जब से विद्यालय में मैंने पढ़ाना शुरू किया तब से ही रंगमंच मेरे साथ जैसे जुड़ गया था। बच्चों के साथ जब उन्हें कुछ सिखाने का प्रयास करती तो स्वयं ही कुछ सीख जाती। रंगमंच कितना प्रभावशाली माध्यम है अभिव्यक्ति का! मैंने इसके द्वारा कितने बच्चों के व्यक्तित्व को बदलते हुए देखा है। जो बच्चे पहले संकोची से होते हैं,…
Posts By Usha Chhabra
बच्चे हिंदी की किताबें नहीं पढ़ते - जब भी अभिभावक मुझसे मिलते थे, यही शिकायत करते थे। इस बार मैंने कुछ अलग सोचा। मैं अपने घर से बाल भारती पत्रिका के कुछ अंक और कुछ अपने संग्रह से किताबें घर से लेकर आई और कक्षा में बच्चों के सामने रख दीं। बच्चों को बताया कि ये सब मेरी किताबें हैं…