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Category Archives चलते चलते

सौढ़ का प्राकृतिक सौंदर्य इतना रमणीय है कि कुछ समय तो मन अभिभूत धन्यवाद के अन्दाज़ में ही रहा। धन्यवाद समय को, धन्यवाद परिजनों को, धन्यवाद उन गुरुओं को जिन्होंने इस सुंदरता को आत्म सात करने के लिए निगाह तराशी। गॉंव वालों का अपनापन ऐसा था कि हम सब एक परिवार की तरह उठ -बैठ, खा-पी, रहे थे। वो थोड़े…

ट्रेन के सिटिंग कम्पार्ट्मेंट में बैठे हम बहुत उत्सुकता से बोलपुर स्टेशन का इंतज़ार कर रहे थे। कोलकाता से बहुत लम्बा रास्ता नहीं था। पर आज बचपन की मुराद पूरी होने जा रही थी। हम शांति निकेतन की यात्रा पर थे। किसी ज़माने में माँ की बहुत इच्छा थी कि मैं शांति निकेतन से ग्रैजुएशन करूँ। बचपन से कहती थीं…

जिसने चेतना को झकझोर दिया। दिसम्बर का महीना, कड़ाके की सर्दी से सारा उत्तर भारत काँप रहा था। चारों ओर कुहासे की चादर फैली हुई थी। आम आदमी क्या पशु-पक्षी भी अपने-अपने नीड़ों में घुसकर सर्दी से बचने का प्रयास कर रहे थे, ऐसे ही समय में मुझे एक अत्यावश्यक कार्य से अपने दो छोटे बच्चों के साथ शहर से…

सुबह-सुबह पेड़ों की पत्तियों से छनकर आती सूर्य की किरणें कुछ चमत्कारिक आभास दे रही थीं। यदा-कदा कुछ लोग पार्क में घूमते दिख रहे थे। यहाँ लगे पेड़ कम से कम सौ डेढ़ सौ साल पुराने होंगे। उनके पुख़्ता तने के चारों तरफ़ फैली टहनियाँ और उन पर कूंजती कोयल मौसम बदलने का साफ़ संकेत दे रही थी। तभी कहीं…

जीवन में औरों से हटकर कुछ नया करने की इच्छा क़िसमें नहीं होती? सभी अपने-अपने दायरे से बाहर निकलकर दुनिया को जीतने का हौसला रखते हैं। कई बार ऐसा भी होता है कि आप किसी से मिलकर इतने प्रभावित हो जाते हैं कि दुबारा मिलकर उनके बारे में और जानने की इच्छा प्रबल हो जाती है। उड़ीसा में जन्मे श्री…

"Never stop Dreaming" किसी भी बहुत बड़े सामाजिक कार्य को करने में प्रेरणा आगे बढ़ने को उत्साहित करती रहती है। मन आशा की डोर से बँधा खिंचता चला जाता है।लक्ष्य दूर है पर विश्वास अडिग है। उस प्रकाश स्तम्भ तक पहुँचने के लिए रुकावटें भी उतनी ही प्रचंड होंगी, जितनी क्षमताएँ अगर सत्य साथ है तो मस्तिष्क उन्हें भेद लेगा…

लम्बी हवाई यात्रा तीन -तीन मूवीज़ देखने के बाद अब क्या करें? कॉफ़ी बनायी और थोड़ी वॉक कर ली। जहाज़ की परिचरिकाओं से भी बात करली.... सीट पे आकर बैठे, लगा चलो हिंदी गानों की विडीओ देखते हैं। खोलते ही ए आर रहमान का गीत आ गया दिल से रे........एक सूरज निकला था, कुछ पारा पिघला था। एक आँधी आयी…

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