Top Menu

Monthly Archives July 2017

सुबह-सवेरे पाँच बजे चूड़ियों की खनक, खुरपी की छप्प-छप्प, कुदाली से मिट्टी के ढलों की टूटन, पौधों को जड़ों से उखाड़ने की आवाज़, फिर धरती पर झप-झप, सब कुछ एक लय - एक गति। कुछ ऐसा जो बहुत पुरानी यादों का पिटारा खोलता सा लगा। कुछ ऐसा धरती से जुड़ा संगीत जिसे सुनकर मन प्रफुल्लित हुआ। मैं झट से उठकर…

Powered By Indic IME
Close