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Posts By Deepak Ramola

हिन्दु समाज में बहुत गहराई से एक विश्वास जड़ें जमा चुका है कि यदि आप अपनी अंतिम साँस वाराणसी में लेंगे तो आपको काशीलाभ यानि मोक्ष की प्राप्ति होगी, जिसके फलस्वरूप आप कार्मिक पुण्य-लाभ के चक्र से छूट जाएँगे और इस संसार में पुनर्जन्म नहीं होगा। काशी लाभ मुक्ति भवन वाराणसी में स्थित उन तीन मुख्य अतिथि गृहों में से…

इस वर्ष अगस्त में मुझे देहरादून के शांत सुरम्य वातावरण में स्थित ऐन मैरी स्कूल ने आमंत्रित किया। देहरादून मेरा घर है। मैं बहुत प्रसन्न हुआ। जिस दिन मेरी workshop शुरू हुई, उस दिन वहाँ तक़रीबन १२० अध्यापिकाएं थीं। उनके चेहरे पर मधुर स्मित मुस्कान दिख रही थी। भ्रमित भाव-भंगिमाएँ और फुसफुसाहटें तैर रही थीं। ऐसा मुझे बहुत बार देखने…

१७ नवम्बर २०१५ की गहराती शाम, मैं अपनी बहन और माँ के साथ देहरादून में घर के टेरेस पर खड़ा यूँ ही हँसी मज़ाक़ कर रहा था। तभी मेरी बहन और मैंने निर्णय लिया कि चलो बाज़ार से केक ले आते हैं और माँ सड़क के पार पुजारी जी से मिलकर कल की पूजा के लिए समय ले लेंगी।१८ नवम्बर…

मेरे अपने काम के कैलेंडर से माथा पच्ची करने के बाद मुझे लगा कि औसतन एक महीने में मैं, डेढ़ से दो हज़ार लोगों से मिल रहा हूँ। एक शिक्षक, गीत लेखक, स्क्रिप्ट प्ले लेखक, कार्यकारी प्रोड्यूसर और कवि के रोल में मुझे लगता है कि मैं सबसे पहले Hello कहने वाला और तुरंत ही अलविदा कहने वाला व्यवसायी हूँ।…

मैं हमेशा यही सोचता हूँ कि इस संसार को बदलने के लिए विचार आना और उसे निष्पादित करना एक व्यक्ति के बस की बात नहीं है, लेकिन उनका चेहरा मेरे ज़हन में बार -बार उभरता है और मुझे ग़लत सिद्ध करता है। वो सिद्ध करती हैं कि एक अकेला व्यक्ति अपने प्यार, दया और अथक परिश्रम से उस संसार को…

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