होना तो चाहिए था -"तुम जब होगे साठ साल के और मैं होंगी पचपन की बोलो प्रीत निभा............. इस बार जब मैं घर आया माँ-पापा से बात करते-करते कहीं कुछ वातावरण में बदलाव सा लगा। There was something a miss. बहुत सोचा क्या बात हो सकती है? Mummy अनमनी सी और पापा भूले-भूले से। हम सभी भाई बहन अपनी-अपनी ज़िंदगी…