लगा कुछ ऐसा जब पहुँची Salwoods ! एक ऐसा जंगल हो रहा जहॉं जंगल में मंगल ही मंगल, गहरी घाटी नवेली दुल्हन कलरव चिड़ियों का युवा ह्रदय करते स्पन्दन, लगा कुछ ऐसा, आ गई हूँ अनोखे कार्निवल में खिले हैं जहॉं अनेकों मुस्कुराते फूलों सरीखे मुखड़े, बहुत करते हैं आकर्षित मुझे मुसकुराहटों में दमकते चेहरे, उनके झुण्ड से आते ठहाके…
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नव वर्ष का स्वागत है। जो बीत गया, उस समय का धन्यवाद। बहुत कुछ घटित हुआ और बहुत कुछ मिला। वहीं से आगे बढ़ते हुए नए आनेवाले समय के प्रति नई आशाओं के साथ आइए, अब हम साथ-साथ बढ़ें। हमारे प्रोजेक्ट फ्युएल के १ मिलियन सदस्यों के अभियान में आप सभी का स्वागत है। प्रोजेक्ट फ्युएल का अभिप्राय ही है…
अस्सी के दशक में क़दम रखती डा. पद्मा मिश्रा उत्तराखण्ड से हैं। राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित विद्यालय प्रवक्ता होने के साथ-साथ इन्होने माउन्टेनियरिंग और फ़ोटोग्राफ़ी में भी महारथ हासिल की। आपने पैदल कैलाश-मानसरोवर की यात्रा की और दिव्य अनुभूतियों से सराबोर रहीं। देश-विदेश की अनेकों यात्राओं से बहुत से अनुभव सँजोए। इनके जीवन का लाइफ़ लेसन है- प्रेम ही सर्वोपरि…