हम लाए हैं तूफान से कश्ती निकाल के……
ये ज़िंदगी की सीख के कुछ चुने फूल हम उन उच्च पदस्थ सेना के अधिकारियों से बात करके लाए हैं। जिन्होंने जीवन की शुरुआत आप और हमारे जैसे बचपन से की पर उनके नेतृत्व के गुण उन्हें सैन्य सेनाओं में उस मुक़ाम तक ले गए जहाँ ४०,००० से अधिक सिपाही और मैन पॉवर उनके नीचे काम करते रहे। उनकी पूरी फ़ॉर्मेशन ने देश की रक्षा के लिए काम किया। जिन्होंने अपनी मस्ती की पाठशाला के दिन अपने मानसिक और शारीरिक सुदृढ़ता की ट्रेनिंग में बिता दिए ताकि वे सिर्फ़ और सिर्फ़ देश की सुरक्षा मानसिक चुस्ती और शारीरिक स्फूर्ति से कर सकें। जीवन के पाँच वो वर्ष जिनमें घरों की सुरक्षा में रहने वाले विद्यार्थी आज के माहौल में सिर्फ़ कॉलेज, देश-विदेश की बातें, चाय, कैंटीन, फ़ैशन, फिल्म, क्लास, प्रोजेक्ट deadlines में बिताते हैं। वहीं ये नौजवान अकादमी की कड़ी ट्रेनिंग के बाद अपने सीमित साधनों के साथ देश की सीमाओं के गाँव-गाँव की आतंकवादियों से बचाव या किसी भी प्रकार की आपदा से सुरक्षा में सर्वोच्च बलिदान देने से नहीं झिझकते। यह जानते हुए भी कि सामने वाले की गोली उसे छलनी कर सकती है, जानलेवा हो सकती है। ये अपने स्वाभाविक instincts पर काम करते हैं। अपनी बहादुरी और उस प्रतिज्ञा पर:
The safety, honour and welfare of your country come first, always and every time. The honour, welfare and comfort of the men you command come next. Your own ease, comfort and safety come last, always and every time.
नए-नए जेंटलमैन कैडेट्स बहुत भिन्न वातावरण और घरों से आते हैं। उनके ज़हन में सिर्फ़ एक ही जज़्बा देखा जाता है। देश के लिए मर-मिटने की इच्छा, फिर शुरू होती है ट्रेनिंग – ‘सुरक्षा’ शब्द का मानवीकरण (पर्सॉनिफ़िकेशन) हैं ये भारतीय सेना के सदस्य।
भारत की इतनी चुस्त-दुरुस्त सेना के पीछे कौन से brains काम करते हैं? वो देश के नौजवानों से क्या अपेक्षा रखते हैं?
“आप सब बहुत रुचिकर और चुनौतीपूर्ण समय से गुज़र रहे हैं, मुझे आपसे रश्क होता है। भविष्य कुछ ऐसे परिदृश्य खोलने जा रहा है जो कल्पनातीत हैं। जैसा ना कभी सोचा गया हो ना लिखा गया हो। समय इतनी तेज़ी से बदल रहा है कि जो Fourth wave Alwyn and Heidi ने पहले फ़ील किया उसे आज महसूस किया जा रहा है इसलिए इसके लायक ख़ुद को समझना और अपनाना होगा। जो बदलाव आनेवाले हैं ख़ुद को वैसे ही बदलना होगा। इसे सकारात्मक रूप में स्वीकारना ही श्रेयस्कर है। नकारात्मकता घटे ऐसा प्रयास करना होगा। दुनिया के भले के लिए दृढ़ सोच वाला व्यक्ति हमेशा ही समाज के लिए लाभकारी होगा। चाहे कितने ही कम्प्यूटर, रोबॉट आ जाएँ फिर भी संतुलित सोचने-समझने वाले बुद्धिमान और मानवीय गुणों वाले लोगों की समाज में हमेशा आवश्यकता रहेगी।”
ये प्रेरणादायी शब्द हैं रिटायर्ड वाइस चीफ़ लेफ़्ट जनरल मिलन ललितकुमार नायडू PVSM VSM YSM के जिन्होंने पंद्रह वर्ष की आयु में ही मध्य प्रदेश के लिए ऑल इंडिया लेवल पर १९६३ में शूटिंग प्रतियोगिता जीती थी।
To serve the country and Navy with pride and always uphold the values of commitment to make supreme sacrifice for the nation and navy,courage both physical and moral, compassion towards men and women you lead ,credibility in performance and character and finally to have an integrity beyond doubt – always and every time.
This is the ethos behind selfless service of Naval officers.
(सेवा निवृत्त )वाइस एड्मिरल प्रदीप चौहान VSM * के शब्दों में
मैंने यही सीखा है कि सभी मनुष्य अपनी ज़िंदगी से ज़्यादा बड़ी लाइफ़ जीना चाहते हैं। कुछ ऐसा करना चाहते हैं जो उन्हें आम आदमी से ऊँचा उठा दे और उनकी लाइफ़ को किसी अर्थ या मुक़ाम तक पहुँचा दे। वे अपनी सारी ज़िंदगी अन्य हीरोज़ की ढूँढ में निकाल देते हैं। वो ऐसे स्त्री-पुरुषों को खोजते हैं जो उन्हें संस्थागत विचारधारा के अनुसार ढालना चाहते हैं वो क्या कहते है? अपने व्यक्तिगत जीवन में व्यवहार कैसे करते हैं। इन बड़ी-बड़ी बातों में कितना तालमेल है? हमेशा वही ऊपर उठे हैं जिन्होंने नेतृत्व और सहयोग, सहायता और जुड़ाव सभी समग्रता से जोड़े हों। मैंने जीवन भर यही देखा है कि जो लोग अपने स्वार्थ से ऊपर उठे हैं उन्होने ही सफलता पाई है जैसे देश के पर्यावरण के लिए या आपसी लोगों की भलाई के लिए, काम करने वाले। सामाजिक सद्भाव, वैश्विक न्याय, और मानवता के जैसे काम में जो भी लगे, वही ऊपर उठे हैं।
हम नेवी में इसे Standing your watch कहते हैं। देश व देश वासियों के लिए सुरक्षात्मक उपाय करना सबसे पहली प्राथमिकता हो ताकि आपके देश के लोग चैन से काम कर सकें। आराम से सो सकें क्यूँकि उन्हें विश्वास है कि बहुत ही ऊँचे सिद्धांतवाले लोग उनके लिए रात-दिन निडर सीमाओं पर खड़े हैं।
Indian Air Force has rightly adopted ‘Mission,Excellence and Integrity’ as its credo.
(सेवा निवृत्त) एअर वाइस मार्शल देविंदर सिंह AVSM VM VSM के अनुसार
“ऑफ़िसर बनते ही मैं समझ गया था कि मेरे इस प्रोफ़ेशन में पूर्ण निष्ठा की आवश्यकता है। लड़ाकू विमान चलाने के लिए त्वरित कौशल और अत्यंत सावधानी की ज़रूरत होती है। इसके लिए पढ़ना भी बहुत पड़ता है। मुझे अपनी ज़िम्मेदारी का अहसास बहुत गम्भीरता से समझ आ गया था।इसीलिए मैं आज इस मुक़ाम पर पहुँच सका।
असल में मैं मानता हूँ कि शिक्षा और कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं है। आप अपने ऊपर विश्वास रखें और ज्ञान बढ़ाने के लिए हर पल तैयार रहें। तुरंत परिणाम और अवॉर्ड की इच्छा ना रखें। आज समय प्रतियोगिताओं का समय है। इसके लिए अपने को हमेशा तैयार करते रहें। आपके प्रोफ़ेशनल फ़ील्ड में हर रोज़ नयी खोज और studies हो रही हैं। जीवन में किसी अड़चन से परेशान ना हों उन्हें नयी चुनौती की तरह लें, हो सकता है उनकी वजह से नए द्वार खुल रहे हों।”
मेजर जनरल शिशिर महाजन (सेवा निवृत्त) के अनुसार जीवन में योग्यता की पहचान हमेशा होती है चाहे थोड़ी देर से हो। सिर्फ़ कड़ी मेहनत और योग्यता ही आपको आगे बढ़ने में मदद करती है। मैं इसी के सहारे हमेशा आगे बढ़ा और जिम्मेदारियाँ निभा सका।
मैं चाहता हूँ कि आज की पीढ़ी अपने वर्चुअल वर्ल्ड से बाहर निकले और ज़िंदगी की असलियत समझे। संसार में बहुत कुछ है सुलझाने के लिए। अपने को virtual वर्ल्ड में उलझाने की क्या आवश्यकता है? अपने और परिवार से अलग कुछ लोगों का भला करो। टेक्नॉलाजी की सहायता से देश के dark areas को रोशन करो। भविष्य तुम्हारा है।
मेजर जनरल बिनॉय पुन्नेन AVSM ने जीवन शैली को सुंदर बनाने पर बल दिया। पल-पल जो कुछ नया सीखते हैं वही आगे जाकर काम आता है। माता-पिता के दिए गए ऊँचे संस्कार आपके साथ चलते हैं। उन्हें अपने व्यवहार में imbibe करिए।बचपन से ही morally strong होना बहुत महत्वपूर्ण है।
भारतीय सेनाएं आपका इन्तजार कर रही हैं। आप जब लीडर बनें तो हमेशा गाइड करें। बताएँ क्या करना है। कैसे करना है टीम पर छोड़ दें। अपने सीखे कौशल की जानकारी सब से बाँटें।हमेशा चौकन्ने रहिए, कोई आपका इस्तेमाल ना करने पाए। दूसरों के लिए उदाहरण बनें ताकि वो आप जैसा बनना चाहें।
भारतीय सैन्य फ़ॉर्सेज़ के चुनिंदा उच्च अफ़सरों से सीखे leadership के गुर:
अपनी कमज़ोरियों को अपनी शक्ति में बदलें:
अपनी कमज़ोरियों को पहचानें। कोई भी मनुष्य सम्पूर्ण नहीं होता इसलिए अपनी कमज़ोरियों को स्वीकार कर आगे बढ़ें। इससे दूसरों की कमज़ोरी भी समझ आती हैं। कमज़ोरियों पर मेहनत करते समय अपने strong points को पहले जैसे स्तर पर क़ायम रखें। आपको हमेशा टीम के साथ काम करना होता है।
अपनी अभिरुचि को साकार करें:
अपनी हॉबी पर मेहनत करें।वही आपको लाखों में अलग पहचान दिलाएगी। अपने आप को सर्व गुण सम्पन्न बनाने का प्रयास करें। विनम्रता आपकी पहली सीढ़ी है।
सबका विश्वास जीतें:
जो अपने मन के गाइड की सुनता है वही सत्य की राह चलता है। ग़लती होने पर छिपाने का प्रयास ना करें। सच बोलना बहुत बड़ी मुसीबत से बचाता है। ये आप स्वयं अनुभव कर सकते हैं। जब आप सच का साथ करेंगे तो अपने आप ही लोगों का विश्वास बढ़ेगा।
अपने स्वार्थ से ऊपर उठें:
संसार में सबसे बड़ी दुश्मनियाँ स्वार्थ के झगड़े से होती हैं। सबसे प्रिय मित्र आपका सबसे बड़ा चुग़लख़ोर दुश्मन बन सकता है। हमेशा कहीं कुछ लाभ प्राप्त करते समय यदि थोड़ा सा त्याग या कॉम्प्रॉमाइज़ से काम चल जाए तो दूसरे की ख़ुशी के लिए झगड़ों में कॉम्प्रॉमाइज़ करें। अपनी सोच को विस्तृत करें।
आत्म चिंतन करें:
दिन में एक ख़ास समय ध्यान में बैठें। सिर्फ़ अपने साथ बात करें, आप पाएँगे कि आप ख़ुद अगले दिन का कमिट्मेंट प्लान कर रहे हैं। अपने व्यवहार को आप स्वयं ही सुधार सकते हैं। आत्म चिंतन आपकी सहायता करता है।सबको एक दृष्टि से देखें।
समय की क़ीमत पहचानें:
सुबह जल्दी उठने से समय के साथ भागना नहीं पड़ता। जो समय की क़ीमत पहचानते हैं उनके नीचे काम करने वाले लोग उनकी बहुत इज़्ज़त करते हैं।
कभी -कभी एक मिनट की देरी बहुत महँगी पड़ जाती है। समय पर पहुँचने के लिए अपना समय हमेशा दस मिनट पहले रखें। आखरी मिनट चलने वाले हमेशा मात खा जाते हैं। समय हाथ से बहुत तेज़ी से फिसलता है।
समय के साथ बदलना सीखें:
आज समय की रफ़्तार बहुत बढ़ गयी है।अपनी सीखने की क्षमता बढ़ाएँ। आपकी general knowledge औरों से बहुत बेहतर होनी ही चाहिए। ग्रूप डिस्कशंज़ में भाग लें।
जो कहो व्यवहार में लाओ:
दूसरे आपकी बात तब मानते हैं जब आप ख़ुद के व्यवहार में अच्छी बातें निभाते हैं। कहना आसान होता है पर करना मुश्किल। इज़्ज़त पाने के लिए दूसरों की इज़्ज़त करना सीखें। सभी से एक जैसा व्यवहार रखें।
पैसे की क़ीमत समझें:
जब ख़ुद कमाने लगेंगे तभी क़ीमत समझ आएगी। एक रुपए की क़ीमत भी बहुत होती है। बूंद-बूंद से सागर भरता है। एक-एक रूपए से मिलियन बचाए जा सकते हैं। अपनी कमायी पर जल्द से जल्द जीना सीखें। पिता के कमाए पैसों की ख़ुशी बचपन तक ही अच्छी है। जैसे ही आप नौकरी करते हैं आत्म निर्भर बनिए। ख़ुद निर्णय लीजिए कि बस अब मैं पैसे किसी से नहीं माँगूँगा।
इंसानों की सेवा के साथ-साथ pets भी पालें:
पालतू पशु आपको संवेदनशील बनाते हैं। आपके स्ट्रेस बस्टर होते हैं। आपसे बहुत प्यार दर्शाते हैं। उनकी ज़रूरतों का ध्यान रखते हुए आप अन्य जीवों के प्रति संवेदनशील बनते हैं, उन्हें यो ही नहीं मार देते।
गप्पबाज़ी (cribbing) से बचें:
बहुत से लोग गप्प बाज़ी में अपना समय जाया करते हैं। दूसरों की बुराई में उन्हें बहुत मज़ा आता है। अपनी कमज़ोरियों को छिपाने का सबसे सस्ता तरीक़ा है दूसरों की बढ़ा-चढ़ा कर बुराई करना। इससे आपकी हीन भावना साफ झलकती है। अपने को इतना सस्ते में मत बेचिए। दूसरों की बुराई सुनिए भी मत क्यूँकि मानव स्वभाव है कि आप भी उस सच- झूठ में कुछ इज़ाफ़ा ही करेंगे।
पैसे के अलावा भी बहुत सी कमाई की जा सकती है:
पैसे और धन एक ही चीज़ नहीं हैं। पैसा धन का एक रूप है पर उसके साथ बहुत से ऐसे धन हैं जो सुख के लिए बहुत आवश्यक हैं।
ज्ञान भी एक प्रकार का धन है।ज्ञानी व्यक्ति लाखों में एक पहचाना जाता है। उसके चेहरे पर ज्ञान का तेज़ दिखायी देता है।
शिक्षा भी अत्यंत महत्त्वपूर्ण धन है। शिक्षा प्राप्त करने के लिए जिज्ञासु इधर-उधर ध्यान भटकने नहीं देता।
भाषा ज्ञान और उसका सही प्रयोग आपकी योग्यता में चार चाँद लगाता है। सही शब्दों का प्रयोग, कहावतों का प्रयोग या phrases का प्रयोग वही कर सकते हैं जिन्हें भाषा सही तरह से सीखने में मज़ा आता है।
सहानुभूति रखना भी आपके व्यक्तित्व का विशेष गुण है।
शिष्टाचार, ख़ुशमिज़ाज़ी बहुत ही महत्त्वपूर्ण धन है।
कविता कह सकना या कहानी लिखना, लोगों को हँसा देना या गीत गाना वही गा सकता है जिसका चित्त सदैव आनंद में डूबा रहता हो। मन से दुखी कभी गीत नहीं गा सकते या नाचने के लिए उठ नहीं सकते। यह भी गुण सबमें नहीं मिलते।
ईश्वर की प्रार्थना एक साथ करें
एक साथ की गई प्रार्थना में बहुत शक्ति होती है। इसमें अगर आपके परिवार के सदस्य साथ रहें तो आप संसार के सबसे भाग्यशाली लोगों में से एक हैं।
भारतीय सैन्य सेवाओं में कम से कम पाँच वर्ष अपना योगदान अवश्य दें। आप किसी भी तरह फ़ौजी प्रशिक्षण अवश्य लें। डॉक्टर्ज़, scientists, पायलट्स, शिक्षक, वक़ील, musicians, engineers, कम्प्यूटर engineers, सभी किसी न किसी क्षमता में भारतीय फ़ौज के लिए काम कर सकते हैं।
सुनो सबकी पर करो अपने मन की:
ज्ञान सबका समझने की कोशिश करो पर अपने अंतर्मन की आवाज़ सुनने का प्रयास करो।
अपने देश के प्रति सदैव वफ़ादार रहें। इसमें धर्म, जाति, सम्प्रदाय कभी बीच में ना आने दें।
देश के लिए प्राण भी जाएँ तो ख़ुशी से आगे बढ़ें। देश की अखंडता से कभी खिलवाड़ ना करें।
अपना देश-प्रेम दिखाने में गर्व महसूस करें। कभी ना हिचकिचाएँ। आगे अानेवाली पीढ़ी को देश-प्रेम की शिक्षा दें।
जय हिन्द!