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Tag Archives kashi

काशी की गालियाँ घूमते-घूमते हमें तीन दिन पूरे हो गए। समय कहाँ निकल गया? कभी गंगा के घाटों पर, कभी सीढ़ियों पर, कभी हैरान कर देने वाली संकरी गलियों में। पुरानी हवेलियों, भवन जिनमें दादा-परदादा के ज़माने से बसे परिवार देखे। परिवारों के बीच बन गयी दीवारें, सबने अपनी-अपनी आवश्यकता के अनुसार संयुक्त से एकल की परिभाषा सीख ली। हवेलियों…

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